Katwa Pratyay (धातु अथवा प्रातिपदिक (शब्द) के बाद जिसका प्रयोग किया जाता है वह प्रत्यय कहा जाता है, क्त्वा-जहाँ दो या दो अधिक क्रियाओं का एक ही कर्त्ता होता है वहाँ ‘कर या करके’ अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
संस्कृत व्याकरण शास्त्र में “क्त्वा प्रत्यय”(katva Pratyay) का योगदान महत्वपूर्ण है। यह क्रिया को अव्यय बनाने में मदद करता है। आइए जानते हैं की सम्पूर्ण जानकारी सरल में समझते हैं।
“क्त्वा” प्रत्यय ( Katwa Pratyay ) की सरल परिभाषा (Definition)
‘क्त्वा’ प्रत्यय (ktwa pratyay in sanskrit) क्रिया (संस्कृत में धातु) के अंत में जुड़कर क्रिया विशेषण अव्यय का निर्माण करते है, जिसका अर्थ होता है “करके” या “के बाद”।
क्त्वा प्रत्यय के उदाहरण:
गत्वा = जाकर
पठित्वा = पढ़कर
पीत्वा = पीकर
हसित्वा= हंसकर
क्त्वा प्रत्यय किस पर जुड़ता है?
यह प्रत्यय मूल रुप में संस्कृत के धातु (क्रिया) से जुड़ता है। इसका प्रयोग कर्तरि प्रयोग में और भूतकालिक संदर्भ में किया जाता है।
क्त्वा प्रत्यय (katva pratyay in sanskrit) का अर्थ
‘क्त्वा’ प्रत्यय (katva pratyay) से बनने वाले शब्द का सामान्य अर्थ होता है – “करके”/ कर ।
उदाहरण:
स्नानं कृत्वा भोजनं करोति = स्नान करके भोजन करता है।
गृहं गत्वा विश्रामं करोति = घर जाकर विश्राम करता है।
रूप निर्माण विधि के सामान्य नियम:
धातु से तिङ् प्रत्यय हटाकर, उसके स्थान पर क्त्वा प्रत्यय जोड़ दिया जाता है, तो इसके रुप इस प्रकार बनेंगे।
उदाहरण:
गम् (जाना) → गत्वा
पठ् (पढ़ना) → पठित्वा
पा (पीना) → लीत्वा
क्त्वा के विशेष रूप (Irregular Forms):
क्त्वा प्रत्यय(ktva pratyay in sanskrit) के प्रयोग से कुछ धातुओं के रूप असामान्य होते हैं जैसे :गम्+क्त्वा = गत्वा, नश् (नष्ट होना)नष्ट्वा, दृश् (देखना)दृष्ट्वा,भू (होना)भूत्वा, जन् (जन्म लेना)जात्वा इत्यादि।
katva Pratyay प्रयोग उदाहरण सहित:
संस्कृत वाक्य हिन्दी अनुवाद
पुस्तकं पठित्वा बालकः निद्रां करोति। पुस्तक पढ़कर बालक सोता है।
भोजनं कृत्वा सः पाठशालां गच्छति। भोजन करके वह स्कूल जाता है।
जलं पीत्वा सः तुष्टः अस्ति। जल पीकर वह संतुष्ट है।
क्त्वा प्रत्यय (ktwa pratyay) के 10 उदाहरण
धातु | क्त्वा प्रत्यय |
गम् (जाना) | गत्वा |
हस् (हंसना) | हसित्वा |
वद् (बोलना) | वदित्वा |
खाद् (ख़ाना) | खादित्वा |
खेल् (खेलना) | खेलित्वा |
क्रीड् (खेलना) | क्रीडित्वा |
भू (होना) | भूत्वा |
चल् (चलना) | चलित्वा |
चर् (चरना) | चरित्वा |
धाव् (दौड़ना) | धावित्वा |