Tavyat Pratyay in Sanskrit/ तव्यत् प्रत्यय के उदाहरण/ Tavyat Pratyay ki paribhaasha
तव्यत् प्रत्यय (Tavyat Pratyay in Sanskrit) तव्यत् प्रत्यय की परिभाषा (Tavyat Pratyay ke paribhaasha) तव्यत् प्रत्यय के उदाहरण (Tavyat Pratyay ke Udhaharan) Tavyat Pratyay in Sanskrit (तव्यत् प्रत्यय संस्कृत में) आदि हम इस ब्लॉग पोस्ट में पढ़ने वाले हैं किसी भी प्रकार के प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें।
तव्यत् प्रत्यय:- इस प्रत्यय का प्रयोग हिन्दी भाषा में ‘चाहिए’ या ‘योग्य’ अर्थ में किया जाता है। तव्यत् प्रत्यय में से ‘तव्य’ शेष रहता है और ‘तकार’ अर्थात् ‘त्’ की इत्संज्ञा या लोप हो जाता है । तव्यत् प्रत्यय का प्रयोग भाववाच्य अथवा कर्मवाच्य में ही होता है।
तव्यत् प्रत्यय के रुप तीनों लिंगों में चलते हैं पुल्लिंग में राम-वत्, स्त्रीलिंग में रमा-वत्, नपुंसकलिंग में फल-वत् की भांति होते हैं। यह प्रत्यय धातुओं अर्थात् क्रियाओं से जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।
Tavyat Pratyay ki pahachan/तव्यत् प्रत्यय की पहचान
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुसंकलिंग |
तव्य: | तव्या | तव्यम् |
टव्य: | टव्या | टव्यम् |
तव्यत् प्रत्यय के उदाहरण/ Tavyat Pratyay ke Udhaharan
प्रकृति+प्रत्यय | पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुंसकलिंग |
पठ्+तव्यत् | पठितव्य: | पठितव्या | पठितव्यम् |
एध्+तव्यत् | एधितव्य: | एधितव्या | एधितव्यम् |
भू+तव्यत् | भवितव्य: | भवितव्या | भवितव्यम् |
दा+तव्यत् | दातव्य: | दातव्या | दातव्यम् |
कृ+तव्यत् | कर्तव्य: | कर्तव्या | कर्तव्यम् |
क्री+तव्यत् | क्रेतव्य: | क्रेतव्या | क्रेतव्यम् |
नी+तव्यत् | नेतव्य: | नेतव्या | नेतव्यम् |
ग्रह्+तव्यत् | ग्रहीतव्य: | ग्रहीतव्या | ग्रहीतव्यम् |
चुर्+तव्यत् | चोरयितव्य: | चोरयितव्या | चोरयितव्यम् |
जि+तव्यत् | जेतव्य: | जेतव्या | जेतव्यम् |
दृश्+तव्यत् | द्रष्टव्य: | द्रष्टव्या | द्रष्टव्यम् |
नम्+तव्यत् | नन्तव्य: | नन्तव्या | नन्तव्यम् |
रक्ष्+तव्यत् | रक्षितव्य: | रक्षितव्या | रक्षितव्यम् |
पच्+तव्यत् | पक्तव्य: | पक्तव्या | पक्तव्यम् |
हन्+तव्यत् | हन्तव्य: | हन्तव्या | हन्तव्यम् |
हस्+तव्यत् | हसितव्य: | हसितव्या | हसितव्यम् |
नृत्+तव्यत् | नर्तितव्य: | नर्तितव्या | नर्तितव्यम् |
पा+तव्यत् | पातव्य: | पातव्या | पातव्यम् |
श्रु+तव्यत् | श्रोतव्य: | श्रोतव्या | श्रोतव्यम् |
लभ्+तव्यत् | लब्धव्य: | लब्धव्या | लब्धव्यम् |
वृध्+तव्यत् | वर्धितव्य: | वर्धितव्या | वर्धितव्यम् |
क्रुध्+तव्यत् | क्रोधितव्य: | क्रोधितव्या | क्रोधितव्यम् |
स्था+तव्यत् | स्थातव्य: | स्थातव्या | स्थातव्यम् |
शी+तव्यत् | शयितव्य: | शयितव्या | शयितव्यम् |